सम्भल से हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी के 757वें सालाना उर्स के लिए एक विशेष कारवां रवाना हुआ। यह कारवां बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत की दुआओं और सेवाभाव का संदेश लेकर गया।
मंगलवार रात मोहल्ला चौधरी सराय स्थित दरगाह सय्यद यूसुफ हसन पर खानकाह-ए-चिश्तिया साबरिया युसुफिया कमेटी द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें चादर और लंगर का कारवां रवाना किया गया।
सय्यद यूनुस मियां ने बताया कि यह परंपरा उनके परिवार में पीढ़ियों से चली आ रही है। वे पिछले 15 वर्षों से चादर और लंगर लेकर उर्स में शामिल होते हैं और वहां 10 दिनों तक लंगर की व्यवस्था करते हैं। इस वर्ष उन्होंने खास तौर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए दुआ की।
उन्होंने कहा कि सैलाब पीड़ितों की मदद करना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने मुस्लिम समाज सहित पूरे देश से अपील की कि इस मुश्किल घड़ी में सभी को मिलकर मानवता और भाईचारे की मिसाल कायम करनी चाहिए। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने बाढ़ प्रभावितों के लिए दुआएं कीं और राहत कार्यों में सहयोग का संकल्प लिया।