30 फ्लैट खरीदारों ने दायर की थी याचिका
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड, बिल्डर/डेवलपर ने ग्रैंड ओमेक्स और फॉरेस्ट स्पा नामक आवासीय परियोजनाओं के विकास के लिए नोएडा से भूमि पट्टे पर ली थी। इन दोनों परियोजनाओं में 30 फ्लैट खरीदार याचियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि बिल्डर को फ्लैट की पूरी कीमत चुकाने के बावजूद उनके पक्ष में त्रिपक्षीय समझौते निष्पादित नहीं किए जा रहे थे।
नहीं जमा किए थे 250 करोड़
प्राधिकरण इस पर अमल नहीं कर रहा था, क्योंकि बिल्डर लीज समझौते के तहत 250 करोड़ रुपए की बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहा। बिल्डर/डेवलपर को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि संपूर्ण बकाया राशि के भुगतान के अधीन, नोएडा अपने अधिकार क्षेत्र में ओमेक्स को किसी भी परियोजना के लिए कोई अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा। इसके खिलाफ ओमेक्स बिल्डर की ओर सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की गई, जो खारिज हो गई थी।