औरैया में 1858 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण लड़ाई को याद किया गया। सदर विधायक श्रीमती गुड़िया कठेरिया और जिलाधिकारी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने अन्य अधिकारियों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
16 मई 1858 को बीझलपुर में हुए गुरिल्ला युद्ध में 81 क्रांतिवीर शहीद हुए थे। उनकी याद में 81 दीप जलाकर यमुना नदी में प्रवाहित किए गए। भारत प्रेरणा मंच के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में विधायक ने कहा कि हम इन शहीदों के ऋणी हैं। उन्होंने बताया कि बीझलपुर के शहीद स्थल के विकास के निर्देश दिए गए है
जिलाधिकारी ने बताया कि शहीद स्थल का विकास प्रोजेक्ट तैयार है। वित्तीय स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होगा। भारत प्रेरणा मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने युद्ध का इतिहास साझा किया।
12 मई 1858 को कलेक्टर ए.ओ. ह्यूम और कर्नल रिडिल के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना बीझलपुर पहुंची थी। वे कालपी में रानी लक्ष्मीबाई के साथ होने वाले युद्ध में भाग लेने जा रहे थे। औरैया की क्रांतिकारी सेना ने यमुना के दोनों किनारों से उन पर हमला कर दिया।
क्रांतिकारियों ने चार दिन तक अंग्रेजों को आगे नहीं बढ़ने दिया। अंग्रेजों ने इटावा से अतिरिक्त सेना बुलाकर क्रांतिकारियों को चारों तरफ से घेर लिया। फिर भी क्रांतिवीरों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया और अपने प्राणों की आहुति दे दी।