पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के लगभग चार साल बाद भी मऊ जनपद को इससे कोई लाभ नहीं मिल पाया है। एक्सप्रेस-वे मऊ की सीमा में 28 किलोमीटर तक गुजरता है, लेकिन स्थानीय लोग न तो इस पर चढ़ सकते हैं और न ही उतर सकते हैं।
एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों से होकर गुजरता है। सभी जिलों में सुविधाएं विकसित की गई हैं, मगर मऊ में कोई इंटरचेंज या अन्य सुविधा नहीं बनाई गई।
स्थानीय मांग पर 277.5 किलोमीटर की लोकेशन पर रानीपुर-गोकुलपुरा के बीच रैंप प्लाजा बनाने की घोषणा की गई थी। बरडीहा में 40 बीघा जमीन पर जनसुविधा केंद्र बनाने की योजना भी थी। सर्वे और मार्किंग के बाद गोकुलपुरा रैंप प्लाजा का कोई विकास नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जिले के किसानों ने बड़ी मात्रा में अपनी जमीन दी थी। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री से पत्राचार भी किया गया था। हाल ही में शासन को रैंप प्लाजा की प्रगति को लेकर पत्र भेजा गया है। नागरिक अब भी इन सुविधाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं।