बस्ती में भारतीय किसान यूनियन का आंदोलन दूसरे दिन भी कलेक्ट्रेट परिसर में जारी रहा। प्रदेश के किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित 17 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा है।
ज्ञापन में किसानों ने फसलों का उचित मूल्य, बिजली दरों में रियायत, ऋण माफी, फसल बीमा में सुधार और आवारा पशुओं से फसलों के बचाव जैसी प्रमुख मांगें रखी हैं। उनका कहना है कि बढ़ती लागत, प्राकृतिक आपदाओं और भुगतान में देरी के कारण खेती घाटे का सौदा बन गई है।
किसानों ने गन्ने का मूल्य ₹450 प्रति क्विंटल घोषित करने, बकाया भुगतान पर ब्याज सहित शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने और स्मार्ट मीटर प्रणाली समाप्त कर मुफ्त या रियायती बिजली देने की मांग की है। इसके अतिरिक्त, फसल बीमा योजना में पारदर्शिता, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, वृद्ध किसानों के लिए पेंशन योजना और भूमिहीन किसानों को सरकारी भूमि पर लीज देने की भी बात कही गई है। किसानों ने भलमापुर में गन्ना क्रय केंद्र स्थापित करने की भी मांग की।
धरना स्थल पर मौजूद किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि ज्ञापन की जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है और किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। किसानों का कहना है कि उनकी ये मांगें प्रदेश के लाखों किसानों की आवाज़ हैं और सरकार समयबद्ध कार्रवाई करे तो किसान फिर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।