जालौन में बिजली संकट एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। उरई तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुकरगांव फीडर से जुड़े लगभग डेढ़ दर्जन गांवों में बीते कई दिनों से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ी है। इससे नाराज ग्रामीणों का सब्र टूट गया और उन्होंने गुरुवार को जालौन-उरई मुख्य मार्ग पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया।
बिजली नहीं, तो रास्ता नहीं के नारे लगाते हुए ग्रामीणों ने सड़क पर बैठकर मार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया। देखते ही देखते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुकरगांव फीडर की स्थिति लंबे समय से बदहाल है। आए दिन फॉल्ट, तार टूटना, ट्रांसफार्मर खराब होना जैसी समस्याएं होती रहती हैं, लेकिन विद्युत विभाग ने कभी इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। इस बार तो स्थिति और भी खराब हो गई है, पिछले कई दिनों से सप्लाई पूरी तरह ठप है और गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है।
गर्मी और उमस के इस मौसम में बिजली की अनुपस्थिति ने ग्रामीणों का जीवन बेहाल कर दिया है। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और किसानों को हो रही है, जिनका न सिंचाई कार्य हो पा रहा है और न ही घरों में पंखे-कूलर चल पा रहे हैं।
आश्चर्य की बात यह रही कि इतने बड़े प्रदर्शन और मार्ग जाम के बावजूद न तो विद्युत विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर पहुंचा और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी। इससे ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दो टूक कहा कि जब तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की जाती, वे सड़क से नहीं हटेंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
इस प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कुकरगांव फीडर की स्थिति पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। साथ ही, स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि बार-बार ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।