कड़ाके की ठंड के बीच बुधवार देर रात जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शहर के कई रैन बसेरों का अचानक निरीक्षण किया। भैरव घाट स्थित रैन बसेरे में निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाओं में गंभीर खामियां उजागर हुईं। वहां ठहरे लोगों ने डीएम को बताया कि रजाई और कंबल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। स्थिति देखकर डीएम ने नाराजगी जताते हुए तत्काल सुधार के निर्देश दिए।
कमरे और शौचालय मिले गंदे
निरीक्षण में रैन बसेरे के कमरे और शौचालय गंदगी से भरे पाए गए। केयरटेकर ने बताया कि यहां किसी सफाईकर्मी की तैनाती नहीं है, जिससे नियमित साफ-सफाई नहीं हो पा रही है। प्रकाश व्यवस्था भी अपर्याप्त पाई गई और कई कमरों में अंधेरा छाया हुआ था। रैन बसेरे की क्षमता 50 लोगों की बताई गई, लेकिन अव्यवस्थाओं के कारण यहां ठहरने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
24 घंटे में सभी सुविधाएं बहाल करने के निर्देश
व्यवस्थाओं में लापरवाही पर डीएम ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और निर्देश दिया कि 24 घंटे के भीतर साफ-सफाई, रोशनी, रजाई-कंबल और अन्य जरूरी सुविधाएं पूरी तरह दुरुस्त की जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ठंड के मौसम में रैन बसेरों को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कमी मिलने पर कार्रवाई तय
डीएम ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित रैन बसेरों का तत्काल निरीक्षण करें और सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी भी रैन बसेरे में कमी पाई गई तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परमट क्षेत्र के रैन बसेरे में व्यवस्थाएं संतोषजनक
इसके बाद डीएम ने परमट मंदिर के पास स्थित रैन बसेरे का भी निरीक्षण किया। यहां 18 लोग ठहरे हुए पाए गए। मौके पर अलाव जलता हुआ मिला और साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था तथा पेयजल की सुविधा संतोषजनक पाई गई। रैन बसेरे की क्षमता 20 लोगों की है और यहां पर्याप्त संख्या में रजाई व कंबल उपलब्ध मिले। व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलने पर डीएम ने संतोष जताया।
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