उन्नाव में गंगा नदी के कटाव और बाढ़ से आबादी को बचाने के लिए प्रस्तावित मार्जिनल बांध योजना विवादों में घिर गई है। पूर्व विधायक राम कुमार ने प्रेस वार्ता में सरकार पर योजना को जानबूझकर रोकने का आरोप लगाया।
यह परियोजना समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूर की थी। केंद्रीय जल आयोग ने 6 मार्च, 2017 को 4.45 किलोमीटर लंबे मार्जिनल बांध के निर्माण के लिए 134.60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी। सात वर्षों में कार्य शुरू नहीं होने पर पूर्व विधायक ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
सिंचाई विभाग की निरीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित स्थल पर पहले से मौजूद पक्की संरचनाओं के कारण परियोजना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। राम कुमार ने इस रिपोर्ट को झूठा करार दिया।
पूर्व विधायक का आरोप है कि सरकार राजनीतिक कारणों से योजना को रोक रही है। यह परियोजना क्षेत्र के लाखों लोगों की सुरक्षा और हजारों हेक्टेयर उपजाऊ भूमि को कटाव और बाढ़ से बचाने के लिए जरूरी है। उन्होंने निष्पक्ष जांच समिति के गठन की मांग की है।
राम कुमार ने चेतावनी दी कि अगर बांध निर्माण कार्य जल्द शुरू नहीं हुआ तो वे जन आंदोलन करेंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस आंदोलन में साथ आएं और अपने हक के लिए आवाज उठाएं। उनके बयान के बाद क्षेत्र में मार्जिनल बांध योजना को लेकर बहस फिर से गर्म हो गई है।