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“धन-दौलत की होड़ में किसकी बादशाहत बड़ी? किसके पास है बड़ा साम्राज्य और कितनी है कुल संपत्ति?”

 

देश में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित राज्य है. हर राज्य की अपनी एक खासियत और पहचान है. हालांकि, अगर हम किसी राज्य के सबसे अमीर आदमी की बात करें तो ये दिलचस्प होता है कि कौन से राज्य का आदमी सबसे अमीर है. इस कड़ी में बिहार और गुजरात दो ऐसे राज्य है, जो काफी मायने में एक-दूसरे से अलग हैं. अगर हम तुलना करके देखें तो  नीति आयोग की रिपोर्ट और बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य है. दूसरी तरफ गुजरात एक समृद्ध राज्य के तौर पर जाना जाता है. इसके बावजूद दोनों राज्यों में सबसे अमीर शख्स है. बिहार में सबसे अमीर शख्स के तौर पर अनिल अग्रवाल का नाम पहले नंबर पर है. गुजरात की बात करें तो मुकेश अंबानी पहले नंबर पर काबिज है.

बिहार को लोग अक्सर राजनीति, इतिहास और शिक्षा की धरती के रूप में जानते हैं, लेकिन समय बदल रहा है. आज यह राज्य ऐसे लोगों को जन्म दे रहा है, जिन्होंने दुनिया के कॉरपोरेट जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है. फिल्मों, प्रशासन और व्यापार. हर क्षेत्र में बिहार के लोग अपनी मेहनत और प्रतिभा से नई मिसाल कायम कर रहे हैं. इसी गौरवशाली सूची में एक बड़ा नाम है अनिल अग्रवाल का, जिन्होंने बिहार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय उद्योग जगत में बड़ा मुकाम हासिल किया.

पटना से लंदन बाजार तक

1954 में पटना के एक मारवाड़ी परिवार में जन्मे अनिल अग्रवाल आज वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन और संस्थापक हैं. वेदांता दुनिया की सबसे अग्रणी माइनिंग और मेटल कंपनियों में से एक है. यह कंपनी पूरी तरह Volcan Investments के अंतर्गत आती है, जो वेदांता में पूर्ण स्वामित्व रखती है.अनिल अग्रवाल अक्सर कहते हैं कि उनका पूरा जीवन संघर्ष, सीख और आत्मविश्वास का परिणाम है. एक साधारण परिवार से निकलकर वे लंदन स्टॉक एक्सचेंज तक पहुंचे. यह कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है.

अनिल अग्रवाल की संपत्ति कितनी है?

फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के अरबपतियों में शामिल अनिल अग्रवाल की कुल संपत्ति 4.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है. भारतीय मुद्रा में यह राशि लगभग 3.66 लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठती है. यह बताता है कि बिहार का एक युवा भी वैश्विक स्तर पर बड़ी कंपनी खड़ी कर सकता है.

गुजरात में सबसे ज्यादा अरबपति

बिहार ने अनिल अग्रवाल जैसा वैश्विक उद्योगपति दिया है, वहीं गुजरात लंबे समय से भारत के धनकुबेरों का केंद्र बना हुआ है. 2025 की हुरुन इंडिया रिच लिस्ट इस बात की पुष्टि करती है. व्यापार के अनुकूल माहौल, मजबूत उद्योग नीति और इंफ्रास्ट्रक्चर ने गुजरात को उद्यमियों की पसंदीदा जगह बना दिया है. ऊर्जा, फार्मा, रसायन, पोलिमर, इंफ्रास्ट्रक्चर और कंज्यूमर गुड्स जैसे क्षेत्रों में गुजरात की पकड़ देश में सबसे मजबूत मानी जाती है.

गुजरात से जुड़े प्रमुख अरबपति

भारत के सबसे अमीर घरानों में दो सबसे बड़े नाम है, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी. किसी न किसी रूप में गुजरात से ही जुड़े हुए हैं. अंबानी परिवार की जड़ें गुजरात की धरती से निकली हैं, जबकि अडानी समूह का मुख्य केंद्र ही गुजरात है. इसी सूची में ज़ाइडस लाइफसाइंसेज के प्रमुख पंकज पटेल भी शामिल हैं, जो दवा उद्योग को भारत और दुनिया में नई दिशा दे रहे हैं. हालांकि, पहले नंबर मुकेश अंबानी है. फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक कुल संपत्ति 10.5 बिलियन डॉलर है. वहीं गौतम अडानी की कुल  संपत्ति 92 अरब डॉलर यानी करीब 7.7 लाख करोड़ रुपये है.

गुजरात क्यों कहलाता है करोड़पतियों की राजधानी

हुरुन रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में 68,300 से अधिक परिवार ऐसे हैं जिनके पास 8.5 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है. अहमदाबाद और सूरत इस आर्थिक समृद्धि के दो बड़े केंद्र बने हुए हैं, जहाँ उद्योग, व्यापार और निर्यात लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं.

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