प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से शहर और आसपास के इलाकों में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। बीते दो महीनों में यह पांचवी बार है जब नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचा है। शहर के निचले और तटीय इलाके जलमग्न हो चुके हैं, कई घरों की पहली मंजिल तक पानी घुस गया है और लोग नावों के सहारे सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
प्रमुख प्रभावित इलाके:
छोटा बघाड़ा, राजापुर, गोविंदपुर, कैलाशपुरी, तेलियरगंज, बेली गांव और नागवासुकी मंदिर के आसपास के इलाके पूरी तरह डूब चुके हैं। आसपास के दस प्रमुख तटीय गांव – टिकारी, महमदपुर, सोनौटी, बदरा, करछना, फुलपुर तहसील के सोनौटी, बदरा धोकरी और लीलापुर भी जलमग्न हैं। कई गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं।
छात्रों की समस्या:
बार-बार बाढ़ के कारण दूर-दराज़ से पढ़ाई के लिए आए छात्र अपने किराये के मकानों को छोड़ने को मजबूर हैं। पानी, बिजली और इंटरनेट की समस्याओं से उनकी पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है।
अंतिम संस्कार और घाट:
शहर के प्रमुख घाट जलमग्न होने से मृतकों के अंतिम संस्कार में भी कठिनाइयां आ रही हैं। कई जगह लोग सड़क किनारे या ऊंचे स्थानों पर चिता सजाने को मजबूर हैं।
राहत कार्य और शिविर:
जिले में 97 राहत शिविर चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से चार सक्रिय हैं। प्रशासन ने 32 नावों और एक मोटरबोट को जलमग्न इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए संचालित किया। अब तक 2512 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के तहत 46 लोगों का उपचार किया गया और 71 पैकेट ओआरएस व 506 क्लोरीन टैबलेट वितरित की गई हैं।
जलस्तर की स्थिति:
गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 84.19 मीटर, छतनाग में 83.34 मीटर और बक्सी स्टेप पर 83.97 मीटर तक पहुंच चुका है। यमुना का जलस्तर 83.90 मीटर तक बढ़ गया है, जो खतरे के निशान के बेहद करीब है। प्रशासन हर चार घंटे में जलस्तर की ताज़ा रिपोर्ट जारी कर रहा है।