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बाढ़ से घिरे वाराणसी के 25 मोहल्ले और 32 गांव, जनजीवन अस्त-व्यस्त, हजारों लोग हुए विस्थापित

 

महादेव की नगरी काशी में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। बाढ़ का पानी गलियों से होते हुए अब सड़कों पर आ गया है।

आज सुबह 6 बजे गंगा खतरे के निशान को पार करते हुए 72 मीटर भी पार कर गई। गंगा में आई बाढ़ ने तटवर्ती इलाकों के साथ वरुणा में भी उफान ला दिया है। मकान, दुकान से लेकर कई अस्पताल, स्कूलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बीएचयू ट्रामा सेंटर तक बाढ़ का पानी पहुंचने से सड़कें तरणताल में बदल गई है।

बाढ़ में फंसे परिवारों को को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ उनके भोजन पानी की व्यवस्था के आला अफसर से लेकर मंत्री विधायक तक उतर गए हैं। 05 हजार से अधिक परिवारों ने घर छोड़ दिया है। जिला प्रशासन की मदद से 600 से अधिक परिवार बाढ़ राहत शिविर में पहुंचाए जा चुके। 600 से अधिक परिवारों ने बाढ़ के चलते किराए के मकानों, रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। 1500 से अधिक किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।

जिला प्रशासन ने 20 बाढ़ राहत शिविर तैयार किए हैं जहां लोगों को शरण दी जा रही है। तहसील प्रशासन लोगों को भोजन, दवा उपलब्ध करा रहा। पशुओं के चारे की भी व्यवस्था की गई है।

पहले जानिए कौन कौन से इलाके प्रभावित

सलारपुर, सरैया, नक्खी घाट, दानियालपुर, कोनिया, ढेलवरिया, पुल कोहना, सारनाथ, रसूलगढ़, नगवां, हुकुलगंज, अस्सी, पुष्कर तालाब, सिकरौल, पैगंबरपुर, तपोवान, रूपनपुर, सराय मोहन, कपिल धारा, बघवा नाला, मौजा हाल, डोमरी, सूजाबाद, दशाश्वमेध, राजाबाजार समेत इनसे सटे इलाके भी अब बाढ़ प्रभावित हैं।

बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण इलाके

रामपुर ढाब (कृषि व आबादी प्रभावित), रामचंदीपुर, मुस्तफाबाद, छीतौना, जाल्हूपुर, लुठा, अम्बा, शिवदसा, गोबरहा, मोकलपुर, हरिहरपुर, राजापुर, तातेपुर, बभनपुरा, कुकुढ़ा, बर्थरा कला, धोबही, श्रीष्टि, रैमला, सेहवार, चांदपुर, पिपरी, डुडुवा, कैथी, टेकुरी, बर्थरा खुर्द, लक्ष्मीसेनपुर, धरहरा, रमना , टेकरी, नरोत्तमपुर, तारापुर।

50 नाव, बोट लगाई गई

जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए 50 नावों के साथ NDRF की 08 बोट लगाई है। राहत शिविर में 20 हजार लंच पैकेट के सत्य फल, दूध, ब्रेड, बिस्कुट उपलब्ध कराया गया है। बाढ़ राहत शिविर में पहुंचे 300 से अधिक लोगों में दवा का वितरण किया गया। 454 बाढ़ राहत किट के वितरण के साथ पशुओं के लिए अब तक 1765 कुंतल भूसा पशुपालकों को उपलब्ध कराया गया है।

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