बुलंदशहर में बढ़ते तापमान के साथ आवारा और पालतू जानवरों के हमले तेज हो गए हैं। पिछले एक महीने में प्रतिदिन औसतन 400 लोग कुत्ते, बिल्ली और बंदरों के हमले का शिकार हो रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव स्तर के मेडिकल सेंटरों तक एंटी रेबीज वैक्सीन की व्यवस्था कर दी है।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले 30 दिनों में कुल 11,718 लोग इन जानवरों के हमले का शिकार हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 8,049 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा है। पालतू कुत्तों ने 1,749 लोगों को, बंदरों ने 1,385 लोगों को और बिल्लियों ने 480 लोगों को निशाना बनाया है।
घरेलू उपचार न करें कल्याण सिंह मेडिकल कॉलेज के एसीएमओ डॉक्टर रमित कुमार ने चेतावनी दी है कि काटने पर घाव पर लाल मिर्च या तेल जैसे घरेलू उपचार न करें। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर नजदीकी सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना जरूरी है। रेबीज एक लाइलाज बीमारी है और समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएचसी, पीएचसी और ग्रामीण मेडिकल सेंटरों पर एंटी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते तापमान ने पालतू कुत्तों को भी चिड़चिड़ा और आक्रामक बना दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी तापमान में इजाफा होगा वैसे ही कुत्ते, बिल्ली और बंदर और भी ज्यादा खूंखार नजर आएंगे। फिलहाल कुत्ता बिल्ली और बंदर के शिकार लोगों की संख्या करीब 12000 के आसपास है। मई, जून और जुलाई माह में यह संख्या बढ़कर 15000 को भी क्रॉस कर सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी मुकम्मल तैयारी कर ली है।
जानवरों से न करें छेड़छाड़ जिला अस्पताल से लेकर गांव के छोटे स्वास्थ्य केंद्र पर एंटी रेबीज वैक्सीन रखवा दी गई है, ताकि बिल्ली कुत्ता और बंदर के शिकार लोगों को गर्मी में दौड़ना न पड़े। एसीएमओ डॉक्टर रमित कुमार ने बताया कि आवारा और पालतू कुत्तों, बिल्ली और बंदरों से छेड़छाड़ न करें। गर्मी में उनके पास न जाएं। अगर किसी को जानवर ने काट लिया है तो वह सरकारी अस्पतालों के रुख करें और ARV लगवाए।