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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पहुंचे संत प्रेमानंद की शरण में: बोले- कई एनकाउंटर किए, अब पश्चाताप कैसे करूं? संत ने दी ये सलाह

 

‘महाराज जी! मैं पुलिस में थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में नियुक्त हूं। मैंने अपनी पूरी नौकरी में बहुत एनकाउंटर किए। जिसमें मुझे बहुत सम्मानों से सम्मानित भी किया गया। राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। पिछले साल 22 जनवरी को जिस दिन राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा

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उस दिन बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मृत्यु का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से मैं बच गया। अब मेरा प्रश्न यह है कि मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं, मन विचलित रहता है, पश्चाताप क्या होगा?’

ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह ने संत प्रेमानंद जी महाराज किया। उन्होंने कहा- मैंने 32 साल इस नौकरी को दिए हैं। मगर अब मन अशांत है। संत प्रेमानंद जी महाराज ने एसएसआई से कहा- थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें।

प्रार्थना करें, हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं। पाप मिले हैं, वो दूर हो जाएं। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने क्या व्यथा सुनाई? संत प्रेमानंद महाराज ने उन्हें क्या रास्ता बताया? प्रभु को वह कैसे पा सकते हैं?

संत प्रेमानंद महाराज से अपनी बात कहते एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह।

सबसे पहले पढ़िए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह मुनेश सिंह आगरा जिले के छाता इलाके के रहने वाले हैं। मुनीश के दो बच्चे हैं। पत्नी बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहती है। वह पिछले डेढ़ साल से मेरठ में तैनात हैं। मुनेश सिंह 2016 में दरोगा हुए थे। मेरठ से पहले गाजियाबाद में तैनात थे। 23 जनवरी 2022 को राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा के दिन रात में वह मेरठ में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान बदमाश कार चोरी कर भाग रहे थे।

मुनेश ने टीम के साथ पीछा किया तो बदमाशों ने फायरिंग कर दी थी। इस दौरान एक गोली मुनेश की छाती से आरपार हो गई थी। गाजियाबाद के कौशांबी स्थित मैक्स हॉस्पिटल में ICU में 11 दिन इलाज चला। इसके लिए उन्हें 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। गाजियाबाद में बदमाश राकेश दुजाना का एनकाउंटर करने वाली टीम में थे।

संत प्रेमानंद महाराज जी।

अब पढ़िए मुनेश सिंह के सवाल और प्रेमानंद महाराज के जवाब

मुनेश- महाराज जी, मैंने बहुत एनकाउंटर किए। मुझे बहुत सम्मान भी मिले। राष्ट्रपति से वीरता पदक मिला। पिछले साल 22 जनवरी को बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मुझे गोली लगी थी। प्रभु की कृपा से मैं बच गया। मगर अब मेरा मन अशांत रहता है, प्रायश्चित कैसे करूुं, मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं? संत प्रेमानंद जी महाराज- पता नहीं क्या जीवन की लीला हो और इसी सांसारिक धर्म निर्वाह के चक्कर में मनुष्य जीवन का जो मूल कर्तव्य है, भगवत प्राप्ति। उससे वंचित हो जाएं तो ठीक नहीं है। अगर आपका मन आपका साथ दे तो समय निकालिए, अपने जीवन का भगवत प्राप्ति के लिए।

संत प्रेमानंद जी महाराज- नौकरी में कितना समय दिया? मुनेश- महाराज जी 32 साल। संत प्रेमानंद जी महाराज- बहुत समय दिया। कोई नशा तो करते नहीं? मुनेश- नहीं, कोई नशा नहीं करते।

संत प्रेमानंद महाराज ने कहा- अब प्रभु की चरणों में ध्यान लगाएं।

कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया

यह पूछने के बाद संत प्रेमानंद जी महाराज ने ​कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया। कहा- जब कालयवन के द्वारा भगवान मुचकुंद को कंदरा में ललकार मिली तो भगवान ने उसे पीछे दौड़ाया। भगवान गुफा में थे वो वहां कालयवन को ले गए, वहां उसको अपना पीतांबर ओढ़ाया।

कहा कि तुम इस जन्म में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। क्योंकि तुमने बहुत से वध किए हैं, शिकार आदि में पशुओं और युद्ध आदि में इंसानों के, इसलिए तुम इस रूप में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। तुम्हें एक जन्म और लेना पड़ेगा और अब तुम ब्रहमऋषि कुल में जन्मोगे और भक्ति कर मुझे प्राप्त करोगे।

अब भगवान के चरणों में समय दो स्वामी प्रेमानंद जी ने मुनेश सिंह से कहा- अब थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दे, ताकि हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं, पाप मिले हैं वो दूर हो जाएं। अगला हमें जन्म भी मिले तो हम देशभक्त बनें, भगवान के भक्त बनें।

हम अब इसके नीचे न जाएं, मनुष्य योनि के नीचे न जाएं, अन्य योनियों के नीचे न जाएं। आधा जीवन तो आपने दे ही दिया भारत को अब भगवान को दे दीजिए। अपने समाज में रहकर आप रिटायर भी रहेंगे तो जिसकी प्रवृत्ति अच्छी होती है। वो समाज में भी अपना अच्छा वातावरण फैलाता है।

युवाओं के मार्गदर्शक बनो प्रेमानंद महाराज ने कहा- वो नए लड़के जो फोर्स में जाने वाले हैं, उनको गाइड करें। उनको तैयार करें, रिटायर होकर भी आप भारत सरकार की सेवा कर सकते हैं। अब जो जीवन बचा है। उसे भगवान को दे दो, अब जीवन को अखिल कोटि ब्रहमांड सरकार के चरणों में लगा दें।

तस्वीर मुन्नेश सिंह की है जो यूपी पुलिस में तैनात हैं इस वक्त मेरठ के सिविल लाइन थाने में एसएसआई हैं।

मुनेश बोले- बिना आपको सुने नींद नहीं आती

मुनेश सिंह ने कहा- मैं रात को भी ड्यूटी से आकर आपको देर रात तक सुनता हूं। चाहे रात में 11-12 बजे कभी भी ड्यूटी से लौटूं। आपकी बातों को जरूर सुनता ही हूं। कहा- जब मैं 11 दिन अस्पताल में रहा, अस्पताल में भी आपको सुनता रहा, बिना आपको सुने नींद नहीं आती।

महाकुंभ-माघ पूर्णिमा पर 73 लाख ने डुबकी लगाई:10 किमी तक भीड़, 15 जिलों के DM तैनात; योगी वॉर रूम से कर रहे मॉनिटरिंग

महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। प्रयागराज में जबरदस्त भीड़ है। संगम से 10 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 6 बजे तक ही 73 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।

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