बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से 12 अप्रैल को शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा यात्रा इस समय पटरंगा क्षेत्र में पहुंची है। परिक्रमा में बड़ी संख्या में साधु संत और अन्य लोग शामिल हैं भजन कीर्तन करते हुए अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ते जा रहे। इस में करीब 700 लोग शामिल हुए हैं।परिक्रमा कर रहे लोगों की सुरक्षा के लिए पीएसी और स्थानीय पुलिस के जवान भी लगे हुए हैं ताकि कहीं पर किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न होने पाए।
परिक्रमा जत्था बुधवार की देर शाम पटरंगा के लाला रामकुमार इंटर कॉलेज परिसर में रुका। यहां स्थानीय लोगों ने भोजन और जलपान की व्यवस्था की। उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रघुनंदन चौरसिया ने बताया कि परिक्रमार्थी आलिया बाद की ओर रवाना हुए।
वे नियमतगंज फूलमती चौराहे पर दोपहर का जलपान करेंगे। रात का विश्राम बेलखरा के रामदुलारे की बाग में होगा। जहां पर इन संतों का जथा रुक रहा है वहां पर स्नान से लेकर भोजन पानी तक की व्यवस्था कराई जा रही है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परिक्रमा पथ पर चला गया प्रत्येक कदम हजारों कष्टों को दूर करता है। मखौड़ा धाम से शुरू होने वाली इस परिक्रमा का विशेष महत्व है। यहीं पर राजा दशरथ ने ऋषि वशिष्ठ के मार्गदर्शन में पुत्रकामेष्टि यज्ञ किया था। इसी यज्ञ के फलस्वरूप उन्हें राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न जैसे पुत्र प्राप्त हुए।
केंद्र सरकार ने 84 कोसी परिक्रमा पथ के निर्माण के लिए धन जारी कर दिया है। बस्ती, अयोध्या और गोंडा जनपद में भूमि अधिग्रहण का कार्य तेजी से चल रहा है। मार्ग निर्माण पूरा होने के बाद यात्रा और सुगम हो जाएगी।