KGMU में डॉक्टरों की टीम के साथ मरीज श्याम सुंदर।
KGMU के ट्रॉमा सेंटर स्थित TVU यूनिट के डॉक्टरों ने दिल के साथ अन्य समस्याओं से जूझ रहे 130 किलो वजन के पुरुष की जान बचाने में कामयाब रहे। लखनऊ के दुबग्गा निवासी श्याम सुंदर को बेहद गंभीर हालत में चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती कराया था।
.
ट्रॉमा सेंटर के वेंटिलेटर यूनिट में इलाज शुरू किया। कई दिनों तक इलाज करने के बाद उसे रिकवर होने पर घर भेज दिया गया।
कई समस्याओं से जूझ रहा था मरीज
डॉक्टरों के मुताबिक मोटापे की वजह से मरीज को कई कंप्लीकेशन्स थे, उसे हार्ट इशू के साथ स्लीप एपनिया, ब्लड प्रेशर जैसी कई बीमारियां थी। तेज धड़कन और सांस लेने में परेशानी के बाद परिवारीजन पहले उन्हें लेकर लारी कॉर्डियोलॉजी लेकर पहुंचे। यहां जांच में एचओसीएम (दिल की मांसपेशी असामान्य रूप से मोटी हो जाती है) बीमारी की पुष्टि हुई। साथ ही सांस लेने में कठिनाई (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) थी।
इस दौरान मरीज में शॉक था। बीपी बढ़ा था। जो दवा देने पर भी काबू नहीं आ रहा था। आनन-फानन मरीज को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो गया था। ऐसे में मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया। करीब छह दिन मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया।
6 दिन तक दिया वेंटिलेटर सपोर्ट
ट्रॉमा वेंटिलेटर यूनिट प्रभारी डॉ. जिया अरशद ने बताया कि भर्ती के दौरान मरीज को दिल की दवा दी गई। 6 दिनों तक उसे वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया। तीन दिनों के लिए नॉन इनवेजिव वेंटिलेटर (एनआईवी) पर रखा गया है। फिर दो दिनों के लिए एचएफएनसी सपोर्ट दिया गया। रोगी की हालत में धीरे-धीरे सुधार हुआ। बाईपैप ऑक्सीजन सपोर्ट के सहारे मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉक्टरों की इस टीम ने दिया जीवनदान
डॉ.जिया अरशद, डॉ. शशांक, डॉ. खुशबू, डॉ. स्वाति, डॉ. अंकुर एवं डॉ. आशुतोष टीम में शामिल रहे