वित्तीय वर्ष 2025-26 में मनरेगा के तहत जिले में रुदौली ब्लॉक को सबसे अधिक रोजगार सृजन का लक्ष्य मिला है। मनरेगा उपायुक्त सविता सिंह ने जिले के लिए लेबर बजट को स्वीकृति दे दी है।
जिले में कुल 38.16 लाख मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है। रुदौली में 5.92 लाख मानव दिवस का लक्ष्य है। मवई में 5.09 लाख और अमानीगंज में 4.39 लाख मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सोहावल और तारुन में 3.78-3.78 लाख मानव दिवस का लक्ष्य है।
मया बाजार में 3.57 लाख, मिल्कीपुर में 3.54 लाख और बीकापुर में 3.19 लाख मानव दिवस का लक्ष्य है। तारून में 2.84 लाख और हैरिंग्टनगंज में 2.68 लाख मानव दिवस निर्धारित किए गए हैं। पूरा बाजार में 1.82 लाख और शहर के सबसे नजदीकी मसौधा ब्लॉक में सबसे कम 1.29 लाख मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया है।
मनरेगा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन कर मजदूरों का पलायन रोकना है। इसके लिए गांवों में विभिन्न परियोजनाएं चलाई जाती हैं। मजदूरों की मांग के अनुसार उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। नए वित्तीय वर्ष में मनरेगा की परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। जो कार्य किन्हीं कर्म पर पूर्ण नहीं हुए थे ग्राम पंचायत में उनका जो को पूर्ण करने में तेजी लाई गई है। मनरेगा मजदूरों का कहना है कि इस बजट में हम लोगों की मजदूरी को भी सरकार ने बढ़ाया है। मनरेगा में सबसे ज्यादा कार्य करने वाली गांव की महिलाएं हैं। वे ऐसी महिलाएं हैं जिनके उपर घर की सारी जिम्मेदारी है।
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