शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के झारसुगुड़ा से देश के पहले पूरी तरह स्वदेशी 4G नेटवर्क का शुभारंभ करेंगे। इस राष्ट्रीय आयोजन का सीधा प्रसारण लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (IGP) में भी होगा, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल रहेंगे।
बीएसएनएल की पहल और यूपी को बड़ा लाभ
इस अवसर पर प्रधानमंत्री देशभर में 97,500 मोबाइल टावरों और 443 स्वदेशी टावरों का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना पर लगभग 37 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके जरिए उत्तर प्रदेश के अब तक नेटवर्क से वंचित 240 गांवों के 24 हजार से अधिक लोगों को पहली बार तेज डिजिटल कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। खासतौर पर सीमावर्ती और पिछड़े इलाकों में जहां पहले मोबाइल नेटवर्क न के बराबर था या केवल 2G तक सीमित था।
उत्तर प्रदेश में 6659 साइट्स पर सेवाएं
बीएसएनएल यूपी ईस्ट के मुख्य महाप्रबंधक अरुण कुमार गर्ग ने बताया कि राज्य में 6659 साइट्स पर 4G सेवाएं स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें से 142 साइट्स डिजिटल भारत निधि (DBN) से स्वीकृत हुई हैं और 141 पर काम पूरा हो चुका है। इन जगहों पर यूपी सरकार ने ग्राम सभा की जमीन निशुल्क उपलब्ध कराई है।
सीमा क्षेत्रों में भी 4G नेटवर्क उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत-नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी की 68 साइट्स मंजूर की गई हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। वहीं, नक्सल प्रभावित जिलों — चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र — में मौजूद 2G नेटवर्क को 4G में बदला जा रहा है। इनमें से 78 साइट्स में 25 पर काम पूरा हो चुका है।
स्वदेशी तकनीक की उपलब्धि
बीएसएनएल के लिए सी-डॉट, तेजस और टीसीएस ने मिलकर सिर्फ 22 महीनों में स्वदेशी 4G तकनीक विकसित की है, जिसे आगे चलकर आसानी से 5G में अपग्रेड किया जा सकेगा। इस कदम से देश के करीब 26,700 दूरदराज गांवों तक नेटवर्क पहुंचा है और 20 लाख से अधिक नए लोग जुड़ेंगे।
भारत अब दुनिया के उन चुनिंदा पांच देशों में शामिल हो गया है जिसने पूरी तरह स्वदेशी 4G टेलीकॉम स्टैक तैयार और लागू किया है। बीएसएनएल के कुल 92,600 4G टावरों में से 18,900 टावर DBN परियोजना के तहत लगाए गए हैं। यह विस्तार डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।