हटाए गए कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
बाराबंकी के बिजली विभाग ने 183 संविदा कर्मचारियों को बिना पूर्व सूचना के नौकरी से निकाल दिया है। इन कर्मचारियों को न तो कोई कारण बताया गया और न ही दो महीने का बकाया वेतन दिया गया।
विद्युत वितरण खंड के बाराबंकी, फतेहपुर, रामनगर, हैदरगढ़ और रामसनेहीघाट डिवीजनों में यह कार्रवाई की गई है। इससे पहले फरवरी में भी विभाग ने आयु सीमा का हवाला देकर 450 से अधिक कर्मचारियों को हटाया था।
सिरौलीगौसपुर विद्युत स्टेशन के एक कर्मचारी ने बताया कि वह पिछले छह सालों से काम कर रहा था। उसे अचानक नौकरी से निकाल दिया गया। दो महीने का वेतन नहीं मिलने से घर चलाने की चिंता सता रही है।
जरूरत के समय बेसहारा छोड़ा एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि उन्होंने अपनी जवानी इस विभाग को दी। अब जब नौकरी की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब उन्हें बेसहारा छोड़ दिया गया है। छोटे-छोटे बच्चों की स्कूल फीस और घर का राशन सब अधर में लटक गया है।
कर्मचारियों में आक्रोश हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि विभाग की इस कार्रवाई ने उनके रोजगार के साथ-साथ आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचाई है। यह छंटनी न सिर्फ कर्मचारियों को बल्कि उनके पूरे परिवार को प्रभावित कर रही है। कर्मचारियों में इस अचानक छंटनी को लेकर गहरा आक्रोश है।