कानपुर की श्री गुरु सिंह सभा को पूरी तरह से भंग कर दिया गया है। सभा के संस्थापक कुलदीप सिंह ने बताया कि अब तीन महीने तक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, जिसके बाद नई कार्यकारिणी के गठन के लिए दोबारा चुनाव कराए जाएंगे।
सभा में लंबे समय से चले आ रहे अंदरूनी मतभेद के चलते दो गुट बन गए थे। महासचिव गुरविंदर सिंह वासु के इस्तीफे के बाद बुधवार को प्रधान सिमरनजीत सिंह ने भी अपना पद छोड़ दिया। प्रधान के इस्तीफे के साथ ही कार्यकारिणी स्वतः भंग मानी गई, लेकिन संस्थापक कुलदीप सिंह के आग्रह पर सभी पदाधिकारियों ने औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया।
अंदरूनी विवाद का कारण
हाल ही में मोतीझील प्रांगण में गुरु तेग बहादुर साहिब के 35वें शहीदी पर्व का आयोजन किया गया था। संस्थापक कुलदीप सिंह ने आयोजन से पहले सभी पदाधिकारियों को बड़ी संख्या में आने वाली संगत को संभालने और अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के निर्देश दिए थे। लेकिन कार्यक्रम के दौरान कई अव्यवस्थाएँ सामने आईं। कुलदीप सिंह के अनुसार, कार्यक्रम गुरु महाराज की कृपा से किसी तरह संपन्न हो सका, लेकिन जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से नहीं किया गया। इसी वजह से उन्होंने सभी से इस्तीफा लेकर नई शुरुआत का फैसला किया।
नई कार्यकारिणी का गठन कैसे होगा?
कुलदीप सिंह ने बताया कि सभी इस्तीफे मिल चुके हैं। आगामी तीन महीनों में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, ताकि शहर का हर सिख इसमें शामिल हो सके। सदस्यता पूरी होने के बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी और नई कार्यकारिणी का चयन किया जाएगा, जिसे आगे की जिम्मेदारियाँ सौंपी जाएँगी।
प्रधान सिमरनजीत सिंह का बयान
प्रधान सिमरनजीत सिंह ने कहा कि शहीदी पर्व के दौरान जो स्थितियाँ बनीं, वे ठीक नहीं थीं। हर सदस्य को अपनी भूमिका निभानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन संगठन के विस्तार और भविष्य की योजनाओं के लिए जरूरी था कि वे भी इस्तीफा दें। आगे चुनाव लड़ेंगे या नहीं—इस पर उन्होंने अभी निर्णय नहीं लिया है।
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