मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, कानपुर देहात के विकास भवन में अधिकारी और कर्मचारी दीपावली अवकाश के बाद भी अपने कार्यालयों में नदारद पाए गए। कई महत्वपूर्ण विभागों के दफ्तर खाली पड़े रहे, जिससे जनशिकायतों के निपटारे में बाधा आई।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर शिकायतें सुनने और उनका त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, कानपुर देहात में इन निर्देशों की अवहेलना देखने को मिली।
पड़ताल के दौरान अधिकारी-कर्मचारी आदेशों की अनदेखी करते दिखे। मुख्य विकास अधिकारी (CDO) का कार्यालय खुला था, लेकिन बाहर से कुंडा बंद था और कोई कर्मचारी समय पर मौजूद नहीं था। इसी तरह, जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला कृषि अधिकारी के दफ्तरों में भी कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं था।
जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी और जिला उद्यान अधिकारी के कार्यालयों का भी यही हाल था। इनमें से कुछ कार्यालयों में ही कर्मचारी नजर आए, जो मोबाइल पर रील्स देखने में व्यस्त थे।
सबसे गंभीर स्थिति किसान सम्मान निधि कार्यालय की थी, जो पूरी तरह खाली था। इस कार्यालय में केवल एक कर्मचारी मोबाइल पर रील्स देखता हुआ पाया गया। यह स्थिति तब है जब जिले के किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से इस कार्यालय का दौरा करते हैं।
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