प्रयागराज संगम पर प्रस्तावित रोपवे निर्माण को अंततः हरी झंडी मिल गई है। जमीन से जुड़े मुद्दों के समाधान के बाद कार्यदायी संस्था को निर्माण शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है। 2.2 किलोमीटर लंबा यह रोपवे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण बनने जा रहा है।
रोपवे का मॉडल प्रोजेक्ट
रोपवे का मॉडल प्रोजेक्ट भी लोगों के सामने आ चुका है, जिसमें संगम क्षेत्र का पूरा नक्शा, रोपवे रूट और उसके स्टेशन शामिल हैं।
रूट में बदलाव और जिम्मेदारी NHLML को
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परियोजना की सभी तकनीकी अड़चनों को दूर किया है। अब इसका निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) के जिम्मे होगा। रोपवे का एक स्टेशन अरैल के त्रिवेणी पुष्प के पास बनाया जाएगा।
इस रोपवे की कुल लंबाई 2,200 मीटर (2.2 किलोमीटर) होगी और अनुमानित लागत 210 करोड़ रुपये है। एक समय में 14 ट्रॉलियों में लगभग 112 लोग संगम क्षेत्र के विहंगम दृश्य का आनंद ले सकेंगे। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उपाध्यक्ष अमित पाल शर्मा ने NHLML और अन्य विभागों के साथ बैठक कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
महाकुंभ से पहले शुरू होना था काम
रोपवे निर्माण का लक्ष्य महाकुंभ से पहले रखा गया था, लेकिन जमीन उपलब्ध न होने के कारण योजना अटक गई थी। अब यह बाधा दूर हो गई है। रोपवे के लिए तीन टावर और दो स्टेशन बनाए जाएंगे, जो संगम से दूसरे किनारे तक पहुंच प्रदान करेंगे।
210 करोड़ की लागत और पर्यटन को बढ़ावा
करीब 210 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह रोपवे न केवल कुंभ स्नानार्थियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि प्रयागराज के पर्यटन को भी नई ऊंचाई देगा। पीडीए सचिव अजीत सिंह ने बताया कि दिवाली से पहले काम शुरू करने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
अधिकारियों ने किया निरीक्षण
बैठक के बाद पीडीए और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। शहरवासियों को लंबे समय से इस परियोजना का इंतजार था। अब जल्द ही संगम घाट से आसमान में लटकती केबल कारों का सपना साकार होगा।