प्रयागराज शहर में पालतू जानवर रखने वालों के लिए अब नियम और सख्त हो गए हैं। प्रयागराज नगर निगम ने कुत्तों और बिल्लियों का लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है।
निगम की टीमें 100 वार्डों में घर-घर जाकर पालतू जानवरों की जानकारी इकट्ठा कर लाइसेंस जारी कर रही हैं। नियम तोड़ने पर पहले जुर्माना लगेगा, फिर जानवर जब्त किया जाएगा और आखिर में मालिक के खिलाफ FIR भी दर्ज हो सकती है।
नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग ने यह अभियान प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के तहत शुरू किया है। हाल के वर्षों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में बढ़ोतरी के चलते यह पहल और भी अहम हो गई है। शहरी विकास विभाग ने इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया था।
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय अमृतराज ने बताया कि पालतू जानवर का वार्षिक लाइसेंस शुल्क 745 रुपये रखा गया है, जिसकी वैधता हर साल 1 अप्रैल से 31 मार्च तक रहेगी। अब तक 1120 लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं, जो 31 मार्च 2026 तक मान्य रहेंगे।
निगम की सात सदस्यीय टीमें हर वार्ड में 10–12 दिन तक अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। यदि किसी घर में बिना लाइसेंस पालतू पाया जाता है तो मालिक को दो नोटिस दिए जाएंगे। इसके बाद भी नियम न मानने पर जानवर को शेल्टर होम भेज दिया जाएगा और FIR दर्ज होगी।
शहर में पालतू और आवारा कुत्तों की संख्या को देखते हुए यह कदम अहम माना जा रहा है। नगर निगम के अनुसार, प्रयागराज में करीब 1.13 लाख आवारा कुत्ते हैं। इनमें से अभी तक केवल 5200 का टीकाकरण और नसबंदी हो पाई है। करेली इलाके में बने दो डॉग शेल्टर होम में रोजाना लगभग 40 कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है।