आयुष विश्वविद्यालय के विशेष सचिव हरिकेश चौरसिया ने भी गोपनीय जांच की है। अभियंताओं की टीम ने 3 दिनों तक आयुष विश्वविद्यालय के सभी भवनों, कक्षों का निरीक्षण किया। टीम का नेतृत्व कर रहे अधीक्षण अभियंता सत्यवीर ने कमरों में लगाए गए दरवाजे, हैंडवाश के लिए लगाए गए बेसिन सहित कई जगहों पर कमियां निकालीं और उन्हें दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
जानिए किन कमियों पर किया फोकस अधीक्षण अभियंता सत्यवीर ने कुलपति रामाचंद्रा रेड्डी व अपनी टीम के साथ निरीक्षण किया। ओपीडी के बगल में जलजमाव व गंदगी नजर आयी। औषधि कक्ष में गए तो वहां फालसीलिंग पर पानी का रिसाव दिखा। कुलपति ने कहा कि नमी के कारण औषधियां खराब हो सकती है। यहीं हैंडवाश के लिए दो बेसिन बनाए गए थे। निर्माणकर्ता फर्म उसके नीचे टाइल लगाना ही भूल गई थी। पंजीकरण कक्ष में टीम पहुंची तो वहां खिड़कियों के बाहरी भाग में प्लास्टर नहीं किया गया था। ग्राउंड फ्लोर के एक हाल में दो तरह के टाइल लगे थे, जिनकी ऊंचाई में एक इंच का अंतर था। अभियंता ने कहा कि इससे फंसकर कोई भी गिर सकता है मुख्य भवन का आरसीसी बीम टेढ़ा था। इसे देखकर अधीक्षण अभियंता ने नाराजगी जताई। दीवारों पर जगह-जगह होल किए गए थे लेकिन वहां प्लास्टर नहीं किया गया था। सफाई देने लगे पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता निरीक्षण के दौरान पैनल रूम का दरवाजा खोला गया तो वह मानक के विपरीत मिला। उसमें फिटिंग भी मानक के अनुरूप नहीं थी। यह स्थिति सभी दरवाजों की थी। उसे तत्काल बदलने को कहा गया। क्लास रूम में सीढ़ियां (स्टेप्स) बिना मानक के बनी थीं। आगे की सीढ़ी काफी ऊंची थी। आडिटोरियम के आसपास काफी गड्ढे थे, उसे तत्काल भरने का निर्देश दिया गया।
कार्यों के निगरानी के लिए नियुक्त कंपनी स्काई लाइन के प्रतिनिधि को फटकार लगाई और ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी दी। लगातार कमियां मिलने से पीडब्ल्यूडी गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता सुनील सागर सफाई देने लगे। निर्माण करा रही फर्म के जुबीन सिक्का से कहा कि तीन बार कमियों को दूर करने के लिए वाट्सएप कर चुका हूं लेकिन आप पर कोई फर्क नहीं पड़ा। इससे अच्छा तो गांव का किसान अपना घर बनाता है कमियां देखकर लखनऊ से आए अधीक्षण अभियंता सत्यवीर इतना नाराज हुए कि उन्होंने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तो गांव का एक किसान बिना किसी इंजीनियर की मदद से अपना घर बना लेता है। यहां इंजीनियरों की फौज लगाकर भी निर्माण में इतनी खामियां रह गईं। लोकार्पण के दो सप्ताह बाद भी नहीं चला एसी,पंखा विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि लोकार्पण के बाद उन्होंने अपना कार्यालय मुख्य भवन में संचालित करने की तैयारी कर ली लेकिन दो सप्ताह बाद भी एसी, पंखा नहीं चला। निर्माण करने वाली फर्म की ओर से बताया गया कि दिन में इसे ठीक कर लिया जाएगा। कुलपति ने बताया कि श्रमिकों की मजदूरी का समय से भुगतान न होने की शिकायत भी आती है। 31 अगस्त तक पूरा होगा आडिटोरियम का निर्माण अधीक्षण अभियंता ने आडिटोरियम का निरीक्षण भी किया। निर्माण करने वाली फर्म के प्रतिनिधि ने बताया कि इसे 31 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। अधीक्षण अभियंता ने अधूरे कार्यों को पूरा करने का एक प्लान तैयार कर दिखाने को कहा। फ्लोर वाइज अधिकारियों की ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की ड्यूटी डबल शिफ्ट में लगाएं। दो दिनों तक हुई चर्चा अधीक्षण अभियंता ने रात को भी निरीक्षण किया। उनके जाने के बाद आयुष विभाग के विशेष सचिव हरिकेश चौरसिया भी आयुष विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने कुलपति के साथ पूरे परिसर का निरीक्षण किया। उसे दौरान सभी कर्मचारियों को भी रोक दिया गया था। माना जा रहा है कि विशेष सचिव गोपनीय रिपोर्ट शासन में प्रस्तुत करेंगे। उसके बाद कुछ लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।