गोरखपुर में पार्किंग समस्या के समाधान के लिए कमिश्नर अनिल ढींगरा सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने 25 अक्टूबर को उन व्यावसायिक भवन मालिकों के साथ बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिनके भवनों में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा नहीं है। इस बैठक का उद्देश्य शहर की यातायात समस्या का स्थायी समाधान निकालना होगा।
यातायात व्यवस्था सुधारने की पहल
कमिश्नर अनिल ढींगरा ने शहर में बढ़ते ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया है। उन्होंने पहले भी 15 अक्टूबर को बैठक कर निर्णय लिया था कि जिन भवनों में पार्किंग पर्याप्त नहीं है, उनके मालिकों से विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में भवन मालिकों के मानचित्र और अद्यतन स्थिति पर भी चर्चा होगी। इस बैठक में गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
स्थायी समाधान पर विशेष ध्यान
शहर के विभिन्न इलाकों में पार्किंग की कमी के कारण ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ रही है, जिससे आम नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 25 अक्टूबर को होने वाली बैठक में आधुनिक तकनीकी उपायों, निर्धारित पार्किंग मानकों और सख्त अनुपालन के माध्यम से समस्या का स्थायी समाधान निकालने पर जोर दिया जाएगा। बैठक में लिए गए निर्णयों को तेजी से और सख्ती से लागू किया जाएगा। उम्मीद है कि इसके बाद शहर की यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे।
जांच में सामने आई समस्या
GDA ने दो महीने पहले एक अभियान के तहत शहर के तीन प्रमुख मार्ग—बेतियाहाटा, पैडलेगंज और मेडिकल कालेज रोड—पर 98 व्यावसायिक और बहुमंजिली इमारतों की जांच की थी। इसमें से 50 इमारतों में पर्याप्त पार्किंग नहीं मिली या पार्किंग का उपयोग अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में हो रहा था।
पैडलेगंज से लेकर छात्र संघ चौराहा, फिराक गोरखपुरी चौराहा और बेतियाहाटा तक के वीआईपी मार्ग पर स्थित 24 अस्पतालों, रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक भवनों में पार्किंग की कमी पाई गई, जिन सभी को नोटिस जारी किया गया है। मेडिकल रोड पर असुरन से शाहपुर थाने तक की जांच में 16 प्रतिष्ठानों में पार्किंग की सुविधा नहीं मिलने पर उन्हें भी नोटिस दिया गया। इसमें अस्पताल, बैंक्वेट हॉल, कैफे, वाहन शोरूम, बैंक, माडल शॉप, नामी कपड़ा कंपनियों के शोरूम, कॉम्प्लेक्स और जूते की दुकानें शामिल हैं। वहीं, असुरन रोड से बशारतपुर तक पार्किंग का अन्य उपयोग करने वाले 10 प्रतिष्ठानों को भी GDA ने नोटिस भेजा है।
इस प्रकार 25 अक्टूबर को आयोजित बैठक के माध्यम से कमिश्नर और भवन मालिक मिलकर शहर की पार्किंग और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के उपाय तलाशेंगे।