बलरामपुर जनपद में शहरी आवासों के जियो टैग मामले में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद राज्य नगरीय विकास अभिकरण ने सर्वे कंपनी को डिबार कर दिया है। इस मामले में चार थानों पर मुकदमा दर्ज हुआ था, और कंपनी के सात कर्मचारी जेल जा चुके हैं। इसके चलते अब तक संबं
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प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा का खुलासा
बलरामपुर जनपद में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत गरीबों को आवास उपलब्ध कराए जाते हैं, जिसमें तीन चरणों में ढाई लाख रुपये की सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत जियो टैगिंग का काम क्रिएटिव कंर्सोटियम संस्था को सौंपा गया था, लेकिन संस्था के कर्मचारियों ने लाभार्थियों से सांठगांठ कर अधूरे आवासों को पूरा दिखाकर जियो टैगिंग कर दी।
चार थानों में दर्ज हुआ मामला, सात कर्मचारी जेल भेजे गए
जांच के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, और नगर, उतरौला, पचपेड़वा, और तुलसीपुर थानों में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने इस मामले में सात कर्मचारियों को गिरफ्तार किया और जेल भेजा। अब राज्य नगरीय विकास अभिकरण ने इस संस्था का अनुबंध रद्द करते हुए उन्हें डिबार कर दिया है।
नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया जारी
इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद बलरामपुर जनपद में आवास योजना का कार्य रुक गया है। हालांकि, विभाग नई कंपनी के चयन के लिए प्रयासरत है। एडीएम प्रदीप कुमार ने इस संबंध में कहा कि पत्राचार किया जा रहा है और जल्द ही एक नई कंपनी का चयन किया जाएगा।