बिजनौर जिले में गुलदार के बढ़ते हमलों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने वन विभाग को 100 पिंजरे सौंपे हैं। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने कलेक्ट्रेट से इन पिंजरों को रवाना किया। यह पहल ‘क्रिटिकल गैप योजना’ के तहत की गई है।
जिले में लंबे समय से गुलदार का खतरा बना हुआ है। अब तक गुलदार के हमलों में 35 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। गुलदार लगातार इंसानों और पशुओं पर हमला कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में चिंता का माहौल है।
वन विभाग गुलदार के हमलों को कम करने के उद्देश्य से जन जागरूकता अभियान चला रहा है। इसके तहत पंपलेट, वॉल पेंटिंग और माइक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, साथ ही मुखौटे भी वितरित किए जा रहे हैं। गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या पर्याप्त नहीं थी।
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि बिजनौर में गुलदार एक बड़ी समस्या है, जहां अक्सर इंसान और गुलदार आमने-सामने होते हैं और हमला कर देते हैं। वन विभाग से समीक्षा के दौरान पिंजरों की कमी सामने आई थी, जिसे दूर करने के लिए यह व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि ‘क्रिटिकल गैप योजना’ के तहत ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत निधि से अक्टूबर माह में कुल 100 पिंजरे वन विभाग को उपलब्ध कराए जाएंगे। इसकी शुरुआत आज से कर दी गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि इससे गुलदार की सूचना मिलने पर तत्काल पिंजरे लगाए जा सकेंगे और समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी जसजीत कौर के साथ वन विभाग के एसडीओ ज्ञान सिंह, रेंजर महेश गौतम, आरईएस के अधिशासी अभियंता फिरोज दोस्त सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।