‘महाकुंभ हो या सवानी सोमवार हर बार हिंदू भाई काशी आते हैं और मुस्लिम भाई उनका इस्तेकबाल करते हैं। हमारे मुस्लिम भाइयों ने हमेशा काशी आने वाले लोगों का दिल से इस्तेकबाल किया है। इसके अलावा उनसे मोहब्बत दिखाई है। लेकिन यह मिल्लत, प्यार-मोहब्बत दोनों तर
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ये कहना है वाराणसी के मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी का। महाकुंभ के प्रथम अमृत स्नान के बाद काशी में दर्शनार्थियों का प्रवाह शुरू हो गया है।
ऐसे में ज्ञानवापी में आज होने वाली जुमे की नमाज से पहले मुफ्ती ए शहर ने मुस्लिम भाइयों से कुंभ के दर्शनार्थियों के स्वागत और इस्तेकबाल की अपील की है। उन्होंने वहीं सख्त लहजे में प्रशासन को भी अलर्ट रहने को कहा और बोले कि यदि प्रशासन अलर्ट रहेगा तो किसी भी प्रकार कोई दिक्कत नहीं होगी।
महाकुंभ में काशी के पलट प्रवाह, आगामी दिनों में पेशवाई और अमृत स्नान के आयोजनों को देखते हुए दैनिक भास्कर ने मुफ्ती-ए-शहर अब्दुल बातिन नोमानी से खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने कौम से अपील के साथ ही साथ प्रशासन को नसीहत भी दी। पेश है खास बातचीत…
प्यार-मोहब्बत के साथ करेंगे महाकुंभ से आने वालों का इस्तेकबाल शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने बताया- चाहे कुंभ का मेला हो या सावनी सोमवार हो। ऐसा नहीं है कि ये पहली मर्तबा हो रहा है। श्रद्धालु यहां बराबर आते हैं और पूरी परंपरा के अनुसार लोग यहां पूरी पूजा-अर्चना करते हैं। बनारस प्यार मोहब्बत का शहर है।
ऐसे में जब भी ये लोग यहां आते हैं। इनका हमेशा कौम के लोग और काशी के लोग इस्तेकबाल करते हैं। प्यार और मोहब्बत भरी निगाहों से देखते हैं और मोहब्बत का इजहार भी करते हैं। पूरी उम्मीद है कि पूरे शहर के लोग इस मर्तबा भी प्यार मोहब्बत के साथ उनका इस्तेकबाल करेंगे और उन्हें विदा करेंगे।
दर्शनार्थी भी रखें ख्याल, ताकि न बिगड़े सूरत-ए-हाल मुफ्ती-ए- शहर ने आगे कहा – वाराणसी आने वाले जो दर्शनार्थी हैं उन लोगों से भी हमारी गुजारिश होगी कि ये शहर प्यार और अमन का है। लिहाजा जिस मकसद के लिए आये हैं। उस मकसद को पूरा करके अच्छे माहौल में विदा हों।
क्योंकि कभी-कभी ऐसा भी देखने में आता है कि सूरत ए हाल बिगड़ जाती है। इसपर अफसोस होता है। कौम के लोगों के साथ ही साथ दर्शनार्थियों से भी अपील है कि ऐसा कुछ न करें। जिससे सूरत ए हाल बिगड़े।
जिला प्रशासन की हर संभव मदद करेंगे जिला प्रशासन अगर चाह जाए की यहां शान्ति व्यवस्था और अमन का राज कायम करना है तो सूरत-ए-हाल (माहौल) कोई बिगाड़ नहीं सकता। अगर प्रशासन अलर्ट नहीं रहा तो कुछ भी हो सकता है। तो जिला प्रशासन की जिम्मेदारी लॉ एण्ड ऑर्डर को मेंटेन रखे।
शांति व्यवस्था कायम रखे। हमारी जिला प्रशासन से अपील और गुजारिश है कि वो अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएं और हमसे जो भी मदद चाहिए होगी वो हम करने को तैयार हैं। शांति कायम रखना हमारा मेन मकसद है।
नमाजियों और श्रद्धालुओं में कभी नहीं हुआ कुछ विश्वनाथ धाम का जब से प्रधानमंत्री जी ने उद्घाटन किया है। तब से ही लगातार बहुत बड़ी तादात में श्रद्धालु आ रहे हैं। साथ ही नमाज भी रोजाना हो रही है। आज तक कभी दर्शनार्थियों और नमाजियों में कोई बात नहीं हुई है। वो अपने मंदिर जाते हैं।
मुसलमान मस्जिद जाते हैं। कोई ऐसी बात नहीं होती। जुमा या कोई भी दिन हो। ऐसे ही शान्ति और अमन के साथ पूरा दिन गुजरेगा। प्रशासन सतर्क रहेगा तो कुछ नहीं होगा। प्रशासन के ऊपर पूरी जिम्मेदारी।
इस्लाम सिखाता है मेहमानों की इज्जत और उनसे मोहब्बत हम अपने हिंदू भाइयों और मुस्लिम भाइयों से भी अपील करेंगे कि जो हमारे शहर में बाहर से लोग आये हैं। वो हमारे मेहमान हैं। इस्लाम यही सिखाता है कि आने वाले मेहमानों की इज्जत और मोहब्बत की जाए। लिहाजा हम इस अपील और पैगाम को आम करते हैं कि जो हमारे शहर में दर्शनार्थी आ रहे हैं। वो हमारे मेहमान हैं। हमें उनका प्यार मोहब्बत के साथ इस्तेकबाल करना चाहिए।
यति नरसिंहानंद के पास मुस्लिम लड़का पकड़ाया ये जांच का विषय इस दौरान मुफ्ती ए शहर से जब पूछा गया की गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के प्रयागराज महाकुंभ कैंप से अयूब नाम के एक संदिग्ध को पकड़ा गया है। इसपर उन्होंने कहा- पहले तो यह जांच का विषय है कि कहीं ये मुसलमानों को बदनाम करने के लिए कोई षडयंत्र तो नहीं है। ये जांच का विषय।
खुद से गया तो यह नहीं होना चाहिए मौलाना बातिन नोमानी ने कहा- यदि यह लड़का खुद गया है तो यह नहीं होना चाहिए क्योंकि हिंदू भाइयों की पूजा का अलग तरिका है और मुसलमान भाइयों का अलग है। किसी और की इबादतगाह में जाकर वहां तमाशा देखना। भीड़ का एक हिस्सा बनना।
ये अक्लमंदी की बात नहीं है। मुस्लिम भाइयों से यही अपील करेंगे कि बिलावजह कोई ऐसा मसला न पैदा करें जिससे कोई बात हो। अपनी भी बदनामी हो और दुसरे लोगों को भी दिक्कत हो। ऐसा काम नहीं करना चाहिए।