बहराइच में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार की अध्यक्षता में समुदाय परामर्श समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में चल रही एमपीएसई (MPSE) गतिविधियों की समीक्षा की गई और डेटा गुणवत्ता, फ्रीजिंग प्लान तथा फील्ड स्तर पर हो रही निगरानी की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में एचआईएफ, एनओएफ और सीआईएफ प्रपत्रों की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया गया। समिति ने बताया कि जिले में 50 प्रतिशत डेटा सूचीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। शेष बचे कार्यों को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण करने पर जोर दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए डेटा की सटीकता और पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इससे फील्ड स्तर पर जवाबदेही बढ़ेगी और कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा। बैठक में फील्ड में किए गए स्पॉट चेक, बैक-चेक प्रपत्रों की तैयारी, माइक्रोप्लानिंग की प्रगति और हॉटस्पॉट सूची के पुनः सत्यापन जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। फील्ड कार्यान्वयन में आ रही चुनौतियों पर सदस्यों से खुले सुझाव लिए गए।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एम.एल. वर्मा ने जोर दिया कि टीबी उन्मूलन केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समुदाय की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि समुदाय की सक्रिय भागीदारी और जागरूकता के बिना टीबी का पूर्ण उन्मूलन संभव नहीं है। समिति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि डेटा फ्रीजिंग की समयसीमा तय की जाएगी और एमपीएसई की अगली चरण की गतिविधियों को समय पर पूरा किया जाएगा। बैठक में दिशा मंडलीय कार्यक्रम प्रबंधक, डीएमडीओ दिशा, टीआई परियोजना के कार्यक्रम प्रबंधक और शरणम् संस्थान के प्रतिनिधि सहित कम्युनिटी एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य उपस्थित रहे।
Aaina Express
