भदोही में पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने इंडिया कार्पेट एक्सपो-2025 के अंतिम दिन कार्पेट एक्सपो मार्ट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने निर्यातकों के स्टालों पर प्रदर्शित विभिन्न प्रकार के कालीन उत्पादों का अवलोकन किया और व्यापारियों से बातचीत की। उन्होंने कालीन उद्योग को प्रोत्साहन राशि दिलाने का भरोसा भी दिया।
पूर्व सांसद ने कहा कि कालीन भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण कृषि उद्योग है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। उन्होंने बताया कि कालीन जूट और ऊन से बनता है, जिसके लिए किसान कपास से जूट और भेड़ से ऊन तैयार करते हैं। यह उद्योग सीधे ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ा है और उनकी आय में सुधार करता है।
इस अवसर पर कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के अध्यक्ष, प्रशासनिक समिति के सदस्य और कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक ने पूर्व सांसद को अमेरिकी टैरिफ (50%) के कारण कालीन उद्योग में पैदा हुए संकट और लाखों बुनकरों व श्रमिकों की आजीविका पर असर से अवगत कराया।
परिषद के पदाधिकारियों ने सरकार से अगले छह माह के लिए कालीन उद्योग को 20 फीसदी प्रोत्साहन राशि दिलाने की मांग की। इस पर वीरेंद्र सिंह मस्त ने आश्वासन दिया कि वे इस मांग को सरकार के समक्ष रखेंगे और प्रोत्साहन राशि दिलाने का हर संभव प्रयास करेंगे।