भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली में इन दिनों डग्गामार बसों का अवैध संचालन चरम पर है। ये बसें बिना किसी जांच-पड़ताल के चल रही हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है और भारतीय क्षेत्र पर भी असर पड़ रहा है।
नेपाल के भैरहवा, बुटवल, पोखरा और काठमांडू से यात्रियों को लेकर ये बसें आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र तक जाती हैं। दलालों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि यात्रियों को बेलहिया, भेलया और सोनौली के निजी स्टैंडों पर खड़ा कर बिना किसी जांच के भारतीय सीमा में प्रवेश कराया जाता है।
बसों की आवाजाही दिन-रात लगातार जारी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है। नगर पालिका द्वारा निर्धारित पार्किंग स्थल पर रातभर बसों की भीड़ रहती है, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।
राजस्व और सुरक्षा पर असर
इन डग्गामार बसों के कारण भारतीय राजस्व को हर दिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। यात्रियों को भरने को लेकर आए दिन विवाद भी होते हैं। शिकायतें दर्ज होने के बावजूद केवल कुछ बसों पर ही औपचारिक कार्रवाई होती है, जबकि अधिकांश बसें बिना रोक-टोक चल रही हैं। बताया जा रहा है कि अवैध बस संचालकों से मोटी रकम वसूली जाती है, जिसके चलते उन्हें खुली छूट मिली हुई है।
कमजोर प्रशासनिक कार्रवाई
सीमा क्षेत्र में अवैध पार्किंग और बस संचालन को रोकने की कार्रवाई बेहद धीमी है। स्थानीय लोग प्रशासन की निष्क्रियता और सुरक्षा खामियों से नाराज हैं और इस पर सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।