गोरखपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। इंडिगो एयरलाइंस ने अबूधाबी से दिल्ली होकर गोरखपुर आए 55 यात्रियों का सामान दिल्ली एयरपोर्ट पर ही छोड़ दिया। यात्रियों को यह तक नहीं बताया गया कि सामान क्यों नहीं आया और कब आएगा।
इंडिगो की ओर से सिर्फ यह कहा गया कि शाम की फ्लाइट से लगेज आएगा। बिहार, सिवान, देवरिया और गोपालगंज से आए यात्रियों ने दोबारा आने में असमर्थता जताते हुए दिनभर एयरपोर्ट परिसर में टहलते हुए समय बिताया। एयरलाइंस की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत पर न कोई अधिकारी सामने आया, न कोई सुविधा दी गई।
“10 बजे पहुंचे, शाम 4 बजे सामान मिला” – यात्री
सिवान के रहने वाले दिलीप शर्मा ने कहा, “हम सुबह 10 बजे गोरखपुर पहुंच गए थे, लेकिन शाम 4 बजे तक सिर्फ इंतजार ही किया। एयरलाइंस का कोई प्रतिनिधि हमारी बात तक सुनने को तैयार नहीं था।” देवरिया और भटनी से आए यात्रियों ने भी व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।
गोपालगंज के यात्री ने लौटते वक्त लगेज के लिए नंदानगर निवासी को भेजा
नंदानगर निवासी रवि राय ने बताया कि उनके परिचित हरिकेश शाही गोपालगंज के रहने वाले हैं और उनका सामान भी नहीं आया। उन्होंने खुद घर लौटने का फैसला किया और लगेज लेने के लिए रवि को भेजा।
स्पाइस जेट ने बिना पूर्व सूचना मुंबई फ्लाइट कैंसिल की
मंगलवार शाम 6:40 बजे की मुंबई फ्लाइट को स्पाइस जेट ने आखिरी समय पर कैंसिल कर दिया। परतावल निवासी संतोष शर्मा अपने बेटे को फ्लाइट पकड़वाने एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन यहां आकर पता चला कि फ्लाइट आई ही नहीं। थोड़ी देर बाद यात्रियों को बताया गया कि उड़ान कैंसिल कर दी गई है।
कुछ यात्रियों को होटल भेजा, बाकी लौटे घर
फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से कुछ यात्रियों को होटल में रुकवाया गया, जबकि बाकी को बुधवार की फ्लाइट का टिकट दिया गया। अचानक हुई इस घोषणा से यात्रियों में नाराजगी दिखी।
टैक्सी वे पर खड़ी रही फ्लाइट, रनवे पर भी अव्यवस्था
एक यात्री ने बताया कि शाम 5 बजे रनवे खाली न होने के कारण एक फ्लाइट को टैक्सी वे पर ही रोके रखा गया। एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट की लापरवाही की वजह से यात्रियों को फ्लाइट के अंदर ही इंतजार करना पड़ा।
जवाबदेही तय करने वाला कोई नहीं, सिस्टम पर उठे सवाल
यात्रियों ने कहा कि गोरखपुर एयरपोर्ट पर न तो समय पर सूचना मिलती है, न ही कोई व्यवस्था है। एयरलाइंस मनमानी कर रही हैं और कोई देखने-सुनने वाला नहीं है। सवाल यह है कि ऐसी स्थिति में जिम्मेदार कौन है?